माँ तुझे सलाम!  वन्दे मातरम 

हर बार सिर  झुक जाता है जब सोचता हूँ वो माँ कितने नसीब वाली होगी जो तेरे जैसे लाल को इस धरती पर जन्म दिया ! वन्दे मातरम !

सीनें में जुनूं, आंखों में देशभक्ति की चमक रखता हूं दुश्मन की सांसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हूं ! 

मैं रहूं या न रहूं पर, ये वादा है मेरा तुझसे  मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आएगा 

मुझे तन चाहिए, ना धन चाहिए बस अमन से भरा यह वतन चाहिए जब तक जिंदा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए और जब मरूं तो तिरंगा ही कफन चाहिए! 

कभी वतन के लिए सोच के देख लेना, कभी मां के चरण चूम के देख लेना, कितना मजा आता है मरने में यारों, कभी मुल्क के लिए मर के देख लेना

हम अपने खून से लिक्खें कहानी ऐ वतन मेरे करें कुर्बान हंस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे!

मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूं! यहां की चांदनी, मिट्टी का ही गुणगान करता हूं ! मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की तिरंगा हो कफन मेरा, बस यही अरमान रखता हूं!